बुलंदशहर के स्याना में गोकशी के बाद भीड़ की हिसा के शिकार हुए पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह का परिवार गुरुवार को लखनऊ पहुंचा। यहां वो सीएम आवास पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलाकात करने आए हैं। परिजनों का कहना है कि वे सीएम से मिलकर इंसाफ मांगना चाहते हैं।
मंगलवार को इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह का पार्थिव शरीर पहुंचने पर परिजन मुख्यमंत्री को गांव बुलाने की मांग कर रहे थे। छत्तीसगढ़ में चुनाव प्रचार में व्यस्त योगी ने प्रशासनिक अधिकारियों से इंस्पेक्टर के परिजनों को गुरुवार को लखनऊ में मुलाकात कराने को कहा था।
इसी बीच, बुधवार को दोपहर बाद जिले के प्रभारी मंत्री अतुल गर्ग गांव तरिगवां पहुंचे। उन्होंने पुलिस महकमे के नियमानुसार तत्कालिक सहायता के तौर पर 40 लाख रुपये की सहायता का संस्तुति पत्र इंस्पेक्टर की पत्नी रजनी सिंह को दिया। रजनी ने पति को शहीद का दर्जा देने की मांग रखी।
सिपाही के बयान का वीडियो भी वायरल
चिगरावठी हिंसा को लेकर एक सिपाही के बयान का वीडियो भी वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में सिपाही कह रहा है कि उपद्रव करने वाली भीड़ के हाथों में पत्थर थे। हंगामा कर रहे युवाओं के हाथों में कोई हथियार नहीं था। इस वीडियो के वायरल होने के बाद 27 नामजद सहित अज्ञात ग्रामीणों पर दर्ज किए गए मुकदमे पर लोग सवाल खड़े कर रहे हैं। सांसद डा. भोला सिह का कहना है कि जब इन लोगों में से किसी के पास हथियार नहीं था तो इंस्पेक्टर को किसकी गोली लगी। इसकी गहन जांच होनी चाहिए।
सुमित को आरोपित बनाने से ग्रामीणों में आक्रोश
पुलिस ने सुमित को भी बलवे का आरोपित बना दिया है, जबकि वह अब इस दुनिया में नहीं है। सुमित को आरोपित बनाए जाने से ग्रामीणों व परिजनों में पुलिस के खिलाफ आक्रोश है। ग्रामीणों का कहना था कि पुलिस ने जल्दबाजी में एफआइआर दर्ज कर कई निर्दोष युवकों को भी बलवे का आरोपित बना दिया है। दारोगा सुभाष चंद की तहरीर पर स्याना थाने में 27 बलवाइयों को नामजद करते 60 अज्ञात लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया था। दारोगा द्वारा दर्ज कराए गए मुकदमे में पुलिस ने सुमित को भी आरोपित बना दिया।