हरिद्वार। देश के पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न पुरस्कार विजेता अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थियां रविवार को हरिद्वार के हरकी पैड़ी में विसर्जित की जाएंगी। दोपहर साढ़े 12 बजे से डेढ़ बजे तक विसर्जन कार्यक्रम होगा। इस दौरान बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत सहित कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहेंगे।
योगी सरकार ने अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थियों को यूपी की कई नदियों में प्रवाहित करने का फैसला किया है। अलग-अलग जिलों के लिए अलग-अलग नदियों के नाम तय किए गए हैं। सभी नदियों में अटल जी की अस्थियां विसर्जित के पीछे मकसद है कि ये नदियां जहां से भी होकर गुजरेगी, वहां के लोग अटल जी के साथ एक जुड़ाव महसूस करेंगे।
बताते चलें कि शुक्रवार शाम दिल्ली के राष्ट्रीय स्मृति स्थल पर राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। उनकी दत्तक बेटी नमिता ने कांपते हाथों से वाजपेयी की चिता को मुखाग्नि दी थी। साथ ही इस कलश यात्रा में बीजेपी के करीब 15 हजार कार्यकर्ता भी शिरकत करेंगे।
अटल के अस्थि प्रवाह एवं अन्य कर्मकांड उनके तीर्थ पुरोहित पंडित अखिलेश शास्त्री द्वारा ही कराया जाएगा। बताया जा रहा है कि शनिवार दोपहर उनके पास अटलजी के भांजे अनूप मिश्रा का फोन आया था। अनूप ने ही उन्हें अस्थि विसर्जन कराने की जिम्मेदारी दी थी।
पहले अस्थि विसर्जन के कार्यक्रम को पैदल हरिद्वार की सड़कों से ले जाने की तैयारी थी, लेकिन समय की पाबंदी को देखते हुए कारों के काफिले में अटल बिहारी की अस्थियों को ले जाया जाएगा। इस दौरान उनके चाहने वाले लोग सड़कों पर पुष्पवर्षा करेंगे।
वाजपेयी की अस्थियां देशभर में करीब 100 नदियों में विसर्जित की जाएंगी। अटल की याद में सोमवार को दिल्ली के डी जाधव स्टेडियम में सर्वदलीय प्रार्थना सभा होगी। साथ ही, सभी राज्यों की राजधानियों में प्रार्थना सभाएं आयोजित होंगी।
इससे पहले अस्थि कलश शांतिकुंज में संस्थापक पं. श्रीराम शर्मा आचार्य और माता भगवती देवी शर्मा के समाधि स्थल के पास रखा जाएगा। बता दें कि लंबी बीमारी के बाद पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी का निधन 16 अगस्त को हो गया था।