बुधवार से संसद का मानसून सत्र शुरू होने जा रहा है। केंद्र सरकार ने पिछले दिनों कुछ चर्चित कानून पास किए जिन पर चर्चा होना है। तीन तलाक, आरटीआई में संशोधन और ट्रांसजेंडर्स से भेदभाव प्रतिबंध जैसे कुछ कानून हैं जिनके बारे में लोकसभा और राज्यसभा ने बुलेटिन जारी किया है। आइये ऐसे ही कुछ कानूनों के बारे में जानते हैं।
1. तीन तलाक
इस कानून के तहत तीन तलाक को प्रतिबंधित माना गया है। इसके उल्लंघन पर 3 साल की कैद का प्रावधान है। इसमें पत्नी को पति से भरण-पोषण ओर बच्चों के लिए कस्टडी पाने का अधिकार रहेगा। पिछले सत्र में इस बिल को पास किया गया था। विपक्ष ने इसे राज्यसभा की चयन समिति में ले जाने की बात कही थी। अब राज्यसभा का उच्च सदन इसे देखेगा।
2. ट्रांसजेंडर राइट्स
इस कानून में ट्रांसजेंडर समुदाय के साथ किए जाने वाले भेदभाव पर प्रतिबंध लगाने की बात कही गई है। यह भेदभाव शैक्षणिक, रोजगार संबंधी, चिकित्सा में और सार्वजनिक सेवाओं में किए जाने पर लागू होगा। इस बिल की संसद की स्टैंडिंग कमेटी ने आलोचना की थी क्योंकि उनके अनुसार यह वैश्विक नियमों के खिलाफ है। यह विवादित इसलिए है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने 2014 में एक निर्णय दिया था जिसमें ट्रांसजेंडर को स्वयं की पहचान का अधिकार दिया गया था लेकिन कानून के दावे के अनुसार इस वर्ग को डीएम से पहचान-पत्र प्राप्त करना होगा।
3. ओबीसी आयोग का पुनरुद्धार
यह बिल वर्ष 2017 में संविधान के 123 वें संशोधन के साथ आया था। इसके तहत पिछड़ा वर्ग संवैधानिक निकाय है जिसे केंद्र सरकार द्वारा जारी पिछड़ा वर्ग की अधिसूची में शामिल होना होगा। इसे लेकर सरकार एवं विपक्ष में मतभेद है। सरकार ने इसे लोकसभा में पारित किया जबकि विपक्ष इसे राज्यसभा में लाने के लिए अड़ा रहा। चूंकि इसके पारित होने की विशेष प्रक्रिया होगी इसलिए इसे संशोधन के लिए राज्यसभा में वापस लाया गया है।
4. नेशनल मेडिकल कमीशन
इस बिल के तहत सरकार सरकार मौजूदा मेडिकल काउंसिल को तोड़ देगी जो कि डॉक्टर्स द्वारा संचालित है और इसे सरकार द्वारा संचालित नेशनल मेडिकल कमीशन से बदलना होगा ताकि मेडिकल एजुकेशन और प्रैक्टिस चलती रहे। यह विवादित इसलिए है क्योंकि कैबिनेट को ब्रिज कोर्स के प्रावधानों को हटाना पड़ा और कड़ी आलोचना के बाद आयुष डॉक्टरों को एलोपैथिक दवाएं प्रिस्क्राइब करने की अनुमति देना पड़ी।
5. सूचना के अधिकार में संशोधन सूचना का अधिकार सर्वाधिक उपयोग किया जाने वाला कानून है। इसका उपयोग भ्रष्टाचार से लड़ने और सरकारी योजनाओं के बारे में पता लगाने के लिए किया जाता है। इसके संशोधन अभी तक अज्ञात हैं। मोदी सरकार ने पिछली बार इसमें संशोधन चाहा था क्योंकि कुछ कार्यकर्ताओं के अनुसार इसमें सूचनाओं का प्राप्त करना एक जटिल काम था। हालांकि इस बिल को अभी घोषित होना बाकी है।