अवैध वसूली और अनुमति से अधिक सिलेंडर रखने पर एक लाख 77 हजार रुपए का लगाया जुर्माना
उज्जवला योजना में कनेक्शन देने के नाम पर उपभोक्ता से वसूले जा रहे थे 700 रुपए
फोटो : 28 आरएसएन-02
रायसेन। नवदुनिया प्रतिनिधि
प्रधानमंत्री उज्जावला योजना के तहत हितग्राहियों को प्रदान किए जाने वाले गैस कनेक्शन के लिए दलाल के माध्यम से अवैध वसूली करने और गैस एजेंसी को प्रदान की गई निर्धारित एलपीजी संग्रहण अनुमति से अधिक एलपीजी का संग्रहण करने पर अपर कलेक्टर एमके जैन ने गौहरगंज तहसील के धाकड़ भारत गैस ग्रामीण वितरण दिवटिया के प्रोप्राइटर चंद्रमोहन नागर पर 1 लाख 77 हजार 611 रुपए का जुर्माना लगाया है।
सहायक आपूर्ति अधिकारी गौहरगंज भानुप्रकाश शर्मा ने 28 जुलाई 2017 को धाकड़ भारत गैस ग्रामीण वितरण दिवटिया तहसील गौहरगंज की जांच कर प्रतिवेदन न्यायालय अपर कलेक्टर में प्रस्तुत किया था। इसमें जांच के दौरान संबंधित एजेंसी द्वारा उपभोक्ताओं को वितरित किए जा रहे उज्जावला योजना के निशुल्क गैस कनेक्शन के लिए दलाल के माध्यम से प्रत्येक उपभोक्ता से 700 रुपए अवैध रूप से वसूल कर कनेक्शन दिए जा रहे थे। जिसकी पुष्टि एजेंसी पर उपस्थित उपभोक्ताओं ने की। इसके अतिरिक्त मौके पर गैस एजेंसी की जांच में उपलब्ध खाली एवं भरे गैस सिलेंडरों का रिकार्ड के आधार पर भौतिक सत्यापन किए जाने पर 11 भरे घरेलू गैस सिलेंडर दर्ज स्टॉक से अधिक पाए गए।
संबंधित गैस एजेन्सी को उपमुख्य विस्फोटक नियंत्रक भोपाल ने अधिकतम 8000 किलोग्राम एलपीजी संग्रहण की अनुमति दी है जबकि जांच के समय मौके पर 14.2 किलोग्राम के 627 घरेलू गैस सिलेंडर तथा 19 किलोग्राम के 16 व्यावसायिक सिलेंडरों में कुल 9207.4 किलोग्राम एलपीजी का संग्रहण पाया जाकर 87 घरेलू गैस सिलेंडरों में अनुज्ञप्ति से अधिक संग्रहण पाया गया। सहायक आपूर्ति अधिकारी गौहरगंज ने 1 लाख 77 हजार 610 रुपए 50 पैसे कीमत के घरेलू गैस के 87 भरे सिलेंडर गैस एजेंसी प्रोपराइटर चन्द्रमोहन नागर से जब्त किए गए। न्यायालय अपर कलेक्टर ने संबंधित गैस एजे।सी के प्रोपाइटर चंद्रमोहन नागर को मध्यस्थ के माध्यम से उपभोक्ताओं से अवैध रूप से वसूली करने, गैस सिलेंडर का अभिलेख त्रुटिपूर्ण संधारित करने, अनुज्ञप्त क्षमता से अधिक एलपीजी का संग्रह करने पर स्वीकृत पेट्रोलियम गैस प्रदाय और वितरण विनियम आदेश 2000 का उल्लंघन करने पर जब्त घरेलू प्रवर्ग के 87 भरे गैस सिलेंडर के समतुल्य राशि 1 लाख 77 हजार 611 रुपए शासन हित में राजसात करने के आदेश दिए हैं।